"'खुशी'"
उड़ती हुई तितली के जैसी है,
जिसे पकड़ने के लिए आप
जितना दौड़ेंगे ये उतना ही आपसे
दूर चली जायेगी..
यदि आप शान्त मुद्रा मे एक जगह
स्थिर हो जायेंगे तो ये स्वतः
आपके कंधे के पास बैठ जायेगी..
खुशी के पीछे मत भागो,
महसुस करो ।।
उड़ती हुई तितली के जैसी है,
जिसे पकड़ने के लिए आप
जितना दौड़ेंगे ये उतना ही आपसे
दूर चली जायेगी..
यदि आप शान्त मुद्रा मे एक जगह
स्थिर हो जायेंगे तो ये स्वतः
आपके कंधे के पास बैठ जायेगी..
खुशी के पीछे मत भागो,
महसुस करो ।।
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